Visit a post office in your village/town/city and Make a list of people who work there.
Now write a paragraph about the visit including all the details.
I belong to the village Dhabla Ghosi in the district of Shajapur. We have a branch Post-Office in our Village.
Dhabla Ghosi Post Office is located at Dhabla Ghosi, Jamner, Shajapur of Madhya Pradesh state. It is a branch office (B.O.). A Post Office (PO) / Dak Ghar is a facility in charge of sorting, processing, and delivering mail to recipients. POs are usually regulated and funded by the Government of India (GOI). Pin code of Dhabla Ghosi PO is
. This Postoffice falls under Ujjain postal division of the Madhya Pradesh postal circle. The related head P.O. for this branch office is Shajapur head post office and the related sub-post office (S.O.) for this branch office is Jamner post office.
The staff of our Post-Office consists of the Postmaster and the Post Peon. The post peon stays inside the compound. The Postmaster is a local man. He lives in his own house and come to his office on every working day. The name of our Postmaster is Shri Gurucharan Routray. He is about forty years old. He writes an excellent hand. He is very popular with the local public.
Opening/Closing Timings In general, post offices in India operate with varying working hours. Most post offices, including Dhabla Ghosi, open in the morning between 8:00 am to 10:00 am and closes between 4:00 pm to 6:00 pm. The working days are Monday, Tuesday, Wednesday, Thursday, Friday and Saturday. Dhabla Ghosi Post Office remains closed on Sundays and national holidays, unless notified. The official opening and closing timings, as well as working days of Dhabla Ghosi Branch Post Office, are not known to us.
Dhabla Ghosi dak ghar offers all the postal services like delivery of mails & parcels, money transfer, banking, insurance and retail services. It also provides other services including passport applications, P.O. Box distribution, and other delivery services in Dhabla Ghosi. The official website fo this PO is http://www.indiapost.gov.in.
विज्ञान science
प्रोजेक्ट - 1 (A )
अपने आस पास का अवलोकन कर निम्तानुसार प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
प्रश्न :- (i) आपकी किन-किन खेलों में रूचि है कोई पाँच खेलों के नाम जिनमें खेलते समय घर्षण सहायता कर रहा है अथवा विरोध कर रहा है, लिखिए ?
उत्तर :-
सहायक घर्षण:
1) साइकिल चलाना - बाइक के चलने के लिए टायर और सड़क के बीच घर्षण आवश्यक है
2) दौड़ना - एथलीट के पैरों और जमीन की सतह के बीच घर्षण आवश्यक है अन्यथा धावक गिर जाएगा
3) तैराकी - घर्षण पानी में तैराक को आगे की ओर धकेलने के लिए विपरीत घर्षण की आवश्यकता होती है
1) तैरना - घर्षण के कारण तैराक के लिए बहुत तेजी से तैरना कठिन हो जाता है
2) बोबस्लेय - उद्देश्य जितना संभव हो उतनी तेजी से आगे बढ़ना है लेकिन तली के बीच घर्षण होता है स्लेज और बर्फ की गति धीमी हो जाती है
3) गोता लगाना - गोताखोर और पानी के बीच घर्षण से गतिज ऊर्जा और ध्वनि ऊर्जा बर्बाद हो जाती है जबकि उद्देश्य यथासंभव सुव्यवस्थित होना है
प्रश्न :- (ii) घर्षण को कौन-कौन से कारक प्रभावित कर सकते है?
घर्षण को निम्नलिखित कारक प्रभावित कर सकते हैं:
उत्तर :-
1. **द्रव्यमान:** वस्तु की भार की बढ़ती मात्रा, जैसे ज्यादा द्रव्यमान वाली वस्तु, घर्षण को बढ़ा सकती है।
2. **प्रतिरोध:** दो सतहों के बीच का प्रतिरोध घर्षण को प्रभावित करता है, खासकर जब सतहें प्रेस की गई हैं या उनमें विरोध है।
3. **सतहों की गुलामी:** वस्त्रालय के रबर ताल या रबर के पट्टों से घर्षण बढ़ सकता है, जैसे बैडमिंटन या टेनिस में रैकेट के पट्टे का संपर्क।
4. **सतहों की ग्लाईडिंग:** सतहों के बीच के स्रोत जैसे तेल, ग्रीस, या पानी, घर्षण को कम कर सकते हैं।
5. **सतहों की गुणवत्ता:** सतह की गुणवत्ता की हल्की या चिकनी होने के कारण घर्षण प्रभावित हो सकता है।
प्रश्न :- (iii) किसी कांच के गिलास अथवा किसी कुल्हड में से किसे पकड़ना आसान होगा और क्यों ?
उत्तर :-
कांच के गिलास और कुल्हड़ दोनों में घर्षण की मात्रा और प्रकार में अंतर होता है। कांच के गिलास को पकड़ना कुल्हड़ की तुलना में आसान होता है, क्योंकि कांच की सतह चिकनी और हल्की होती है जबकि कुल्हड़ की सतह कसी होती है। कुल्हड़ को पकड़ने में आसानी होने के कई कारण होते हैं, जैसे कि उच्च सतह, रबरीयता, और अधिक भार। इसलिए, कुल्हड़ को पकड़ना सरल होता है और कांच के गिलास को पकड़ने में कम घर्षण उत्पन्न होता है।
प्रश्न :- (iv) कल्पना कीजिए घर्षण अचानक समाप्त हो जाए तो इससे जीवन किस प्रकार प्रभावित होगा ऐसी 10 परिस्थितियों की सूची बनाइए।
उत्तर :-
1. गाड़ी अचानक रुक जाएगी.
2. दौड़ते खिलाड़ी ठोकर लगा सकते हैं.
3. चालक वाहन में यात्रियों को धक्का लग सकता है.
4. विद्युत सामग्री पर असर पड़ सकता है.
5. आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो सकती है.
6. यात्रा समय में असुविधा हो सकती है.
7. उचित फंडिंग या वित्तीय संसाधनों के नुकसान का कारण बन सकता है.
8. उत्पादन प्रक्रिया में रुकावट हो सकती है.
9. यात्रियों की सुरक्षा पर असर पड़ सकता है.
10. व्यापारिक और आर्थिक हानि हो सकती है।
प्रश्न :- (v) ऐसे पाँच कार्य लिखिए जहाँ घर्षण हानिकारक होते हुए भी अनिवार्य है ?
उत्तर :-
1. वाहनों के ब्रेकिंग सिस्टम का उपयोग रोकने के लिए।
2. गाड़ी के टायरों को धराने के लिए।
3. विभिन्न मशीनों और उपकरणों के काम करने के लिए।
4. संघर्ष करने के बाद वस्त्र और अंगवस्त्रों को साफ करने के लिए।
5. विभिन्न दौड़ और खेलों के लिए अभ्यास करने के लिए।
विज्ञान
प्रोजेक्ट - 1 (B )
किसी ऐसी दुकान पर जाइए जहाँ खेलों के जूते मिलते है -
विभिन्न खेलों के जूतो की तलियों का प्रेक्षण कीजिए ?
प्रश्न :- (i) क्या खेलों में पहनने वाले जूते सामान्य जूतों के समान है?
उत्तर :-(1) खेलों में पहनने वाले जूते सामान्य जूतों के समान नहीं होते।
प्रश्न :- (ii) खिलाड़ियों के जूते हीलदार क्यों बनाये जाते हैं?
उत्तर :-(2) खिलाड़ियों के जूते हीलदार बनाए जाते हैं ताकि वे अच्छी ग्रिप और सुरक्षा प्रदान करें।
प्रश्न :- (iii) खिलाडियों के जूते और बड़े वाहनों के टायरों में क्या समानता है और क्यों ?
उत्तर :-(3) खिलाड़ियों के जूते और बड़े वाहनों के टायरों में समानता है क्योंकि दोनों की तलियों का प्रेक्षण उचित ग्रिप और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रश्न :- (iv) यदि सड़क तथा बाहन के टायरों के बीच धर्षण न हो तो चया होगा ?
उत्तर :-(4) सड़क और बाइक के टायरों के बीच धर्षण न होने पर चलने में असुविधा हो सकती है।
प्रश्न :- (v) वया घर्षण को बढ़ाया या घटाया जा सकता है ? दैनिक जीवन के घर्षण बने बढ़ाने ओर घटाने के (प्रत्येक) पाच-पाच उदाहरण लिखिए।
उत्तर :-(5) घर्षण को बढ़ाया या घटाया जा सकता है ताकि दैनिक जीवन में सुगमता बनी रहे।
उदाहरण:
(1) कार चालन को आसान बनाने के लिए वाहन जूते पहनें।
(2) संघर्ष करने से बचने के लिए एक्सटेंशन कोर्ड को धीरे-धीरे खींचें।
(3) दरवाजे को खोलने के लिए लचकी उपयोग करें।
(4) जोगिंदर को धक्का लगने से बचाने के लिए ग्रिप वाले जूते पहनें।
(5) बाइक की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए टायर प्रेशर नियमित रूप से जांचें।
विज्ञान
प्रोजेक्ट - 2 A
(A) डोरी तथा कागज गिलास की सहायता से अपना खिलौना टेलीफोन बनाकर तैयार करिए। इसका एक सिरा अपने मित्र को कान पर लगाने के लिए कहे तथा दूसरा सिरा अपने मुह से समीप लाइए तथा बोलिए -
अपने प्रेक्षण लिखिए - -
(में) क्या आपकी आवाज, आपका दोस्त सुन पाता है?
(ii) ज्या ध्वनि डोरियों से गमन कर सकती है ?
(iii) क्या ध्वनि का संचारण ठोस. दय, गैत्तों सभी में हो सकता है?
(iv) यदि आप एक बद कार में हैं, तो क्या बाहर से आपके दोस्त की आवाज आप तक आएगी? कारण
लिखिए ?
(v) नीचे दिए गए वाद्ययंत्रों के सामने उनके कपायमान भाग लिखिए -
उत्तर :-
**प्रेक्षण **
1. **क्या आपकी आवाज, आपका दोस्त सुन पाता है?**
उत्तर :- - हाँ, मेरे दोस्त को मैं अपने खिलौने टेलीफोन की आवाज सुना सकता हूँ। वह मेरी आवाज को अच्छे से सुन पाता है और हम बिना किसी तकनीकी सहायता के बातें कर सकते हैं।
2. **ज्या ध्वनि डोरियों से गमन कर सकती है?**
उत्तर :- - हाँ, ध्वनि डोरियों से गमन कर सकती है। डोरियाँ हवा के माध्यम से ध्वनि को फैला सकती हैं और इससे आवाज सुना जा सकता है।
3. **क्या ध्वनि का संचारण ठोस, दय, गैट्टों सभी में हो सकता है?**
उत्तर :- - हाँ, ध्वनि का संचारण ठोस, दय, गैट्टों सभी में हो सकता है। ठोस माध्यमों में यह ध्वनि को फैलाने का कारण है, लेकिन यह हवा के माध्यम से भी हो सकता है। गैट्टों के माध्यम से भी ध्वनि फैलाई जा सकती है।
4. **यदि आप एक बद कार में हैं, तो क्या बाहर से आपके दोस्त की आवाज आप तक आएगी? कारण:**
उत्तर :- - नहीं, एक बद कार में होने पर बाहर से मेरे दोस्त की आवाज मेरे तक नहीं पहुंचेगी। क्योंकि कार की ध्वनि और गति बाधित होती है, जिससे दूर की आवाज सुना नहीं जा सकता।
वाद्ययंत्र | कपायभान भाग | ध्वनि उत्पन्न करने वाला कपमान |
---|
वीणा | कब्जा, ग्रीष्म, ध्वनिकर | तंतुरंग को छूने वाला उच्चतम ध्वनि भाग |
तबला | बायां बायां, बयान | ताल और ताह बजाने के लिए उपयुक्त भाग |
बांसुरी | मुख्य साज, अंतर्गाम | वादन करने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया साज |
सितार | तारे, कोब्रा, तुंबा | सितार के तारों को चूने वाला भाग |
ढोलक | उत्तर-पूर्वी, बायां | ध्वनि उत्पन्न करने वाला तबला का एक भाग |
| | |
इस तालिका में, हर वाद्ययंत्र का कपायभान भाग और उसका ध्वनि उत्पन्न करने वाला कपमान विवरणित किया गया है।
विज्ञान
प्रोजेक्ट 2 B
(1) पर्यावरण में ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले स्रोतों की सूची बनाएं?
उत्तर :-**(1) पर्यावरण में ध्वनि प्रदूषण पैदा करने वाले स्रोतों की सूची:**
ध्वनि प्रदूषण के स्रोत समृद्धि से जुड़े हैं। यहां कुछ मुख्य स्रोतों की सूची दी गई है:
- वाहन का शोर
- औद्योगिक क्षेत्रों की मशीनरी
- शहरी क्षेत्रों में यातायात और शहरी शोर
- औद्योगिक क्षेत्रों में कारखानों की मशीनरी
- विभिन्न उद्योगों में प्रयुक्त उपकरण और मशीनरी
**(ii) ध्वनि प्रदूषण मनुष्य के लिए किस प्रकार हानिकारक है?**
उत्तर :-ध्वनि प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। यह नींद में खलल डाल सकता है, महिलाओं के गर्भाशय को प्रभावित कर सकता है, शोर और तनाव पैदा कर सकता है और सुनने की क्षमता को कम कर सकता है।
**(iii) शोर और संगीत में क्या अंतर है?**
उत्तर :-शोर और संगीत दोनों ही ध्वनि के प्रकार हैं, लेकिन इनमें अंतर है। शोर अनियमित और अराजक है, जबकि संगीत धुनों, लय और सुरों से समृद्ध है।
**(iv) ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए आप क्या प्रयास करेंगे?**
उत्तर :- - वाहन प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना।
- औद्योगिक क्षेत्रों में शोर नियंत्रण उपायों का पालन।
- सड़क शोर की निगरानी और नियंत्रण के लिए प्रौद्योगिकी में सुधार करना।
- लोगों को जागरूक करने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर ध्वनि संरक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।
**(v) पुरुषों की आवाज़ महिलाओं की तुलना में मोटी क्यों होती है?**
उत्तर :-पुरुषों की आवाज़ महिलाओं की तुलना में अधिक मोटी होती है क्योंकि महिलाओं के वाक्यांशों में ऊंचे स्वर और ऊंचे सुर होते हैं। यह जीवन के विभिन्न पहलुओं, जैसे सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक वातावरण पर आधारित हो सकता है।
सामाजिक विज्ञान
प्रोजेक्ट 1
भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले कम से कम 3 स्थानीय स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पता कीजिए। उनके चित्र व उनसे संबंधित जानकारी संकलित कर (नाम, जन्म तिथि, जन्म स्थान स्वतंत्रता आन्दोलन में उनके द्वारा किए गए कार्य) एलबम तैयार कीजिए।
उत्तर :-
**स्वतंत्रता सेनानियों एलबम:**
**1. भगत सिंह:**
- **नाम:** भगत सिंह
- **जन्म तिथि:** 28 सितम्बर 1907
- **जन्म स्थान:** बंगा, पंजाब, ब्रिटिश भारत
- **स्वतंत्रता आन्दोलन में कार्य:** भगत सिंह ने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य के रूप में अपने योगदान के लिए पहचान बनाई। उन्होंने साहित्यिक रूप से योजित ग्रंथ "Why I am an Atheist" में अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने 1929 में जलियांवाला बाग में हुई मासूमों के खिलाफ ब्रिटिश सरकार के खिलाफ विरोध प्रकट किया था और 1931 में उन्होंने इंग्लैंड में भारतीय छात्रों के प्रति अत्याचार के खिलाफ आंदोलन किया।

**2. सरदार वल्लभभाई पटेल:**
- **नाम:** सरदार वल्लभभाई पटेल
- **जन्म तिथि:** 31 अक्टूबर 1875
- **जन्म स्थान:** नाडियाद, ब्रिटिश भारत
- **स्वतंत्रता आन्दोलन में कार्य:** सरदार वल्लभभाई पटेल, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक थे। उन्होंने सत्याग्रह, नमक सत्याग्रह, और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे महत्वपूर्ण आंदोलनों में भाग लिया। उन्होंने भारतीय संघ के साथ संगठित होकर ब्रिटिश शासन के खिलाफ समर्थन जताया और सरकारी कर्मचारियों को अपने साथ जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

**3. रानी लक्ष्मी बाई:**
- **नाम:** रानी लक्ष्मी बाई
- **जन्म तिथि:** 19 नवम्बर 1828
- **जन्म स्थान:** वाराणसी, ब्रिटिश भारत
- **स्वतंत्रता आन्दोलन में कार्य:** रानी लक्ष्मी बाई ने 1857 के भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, जिसे 'सिपाही मुतिनी' या 'भारतीय स्वतंत्रता संग्राम' कहा जाता है, में भाग लिया। उन्होंने झाँसी की रानी के रूप में अपनी बहादुरी और साहस के लिए प्रसिद्धता प्राप्त की।

**अनुशासन:** इस एलबम के माध्यम से, हमने भगत सिंह, सरदार वल्लभभाई पटेल, और रानी लक्ष्मी बाई के बारे में महत्वपूर्ण ज
ानकारी और उनके स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को प्रस्तुत किया है। यह एलबम उनके शौर्यपूर्ण परक्रमों को समर्पित करने का एक साधन है।
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सामाजिक विज्ञान
प्रोजेक्ट 2
किसी स्थानीय ऐतिहासिक भवन / इमारत का परिवेशीय उपलब्ध सामग्री से मॉडल बनाइए।
आपके क्षेत्र में पाई जाने वाली किन्ही 2 जनजातीय समुदाय से संबंधित जानकारी व चित्र सकलित कर दिए गए बिन्दु के आधार पर विवरण लिखिए-
भोजन
वेशभूषा / पहनावा
• गहने
उगाई जाने वाली फसले
• प्रमुख उद्यम
• मनाए जाने वाले त्योहार
• खेती के तरीके
उपयोग में लाए जाने वाले औजार
• सामाजिक रीति, रिवाज
उत्तर :-
**मालवा उज्जैन के स्थानीय ऐतिहासिक भवन / इमारत का मॉडल:**
* **ऐतिहासिक भवन / इमारत का मॉडल:**
- हमने मालवा उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर का मॉडल बनाया है। यह हिन्दू धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है जो भगवान शिव को समर्पित है। इसका मॉडल उपलब्ध सामग्री से बनाया गया है और यह उज्जैन के स्थानीय ऐतिहासिक और धार्मिक विरासत को प्रतिस्थापित करता है।
* **जनजातीय समुदाय - भोजन, वेशभूषा, और गहने:**
**1. भोजन:**
- स्थानीय जनजातियों का प्रमुख भोजन मालवा के स्वादिष्ट और पौष्टिक विविध व्यंजनों में से है। इसमें दाल-बाटी-चूरमा, पोहा, श्रीक्हंड, और माकई के रोटी शामिल हैं।
**2. वेशभूषा / पहनावा:**
- पुरातात्विक दृष्टि से, स्थानीय जनजातियों का वेशभूषा आदिवासी रूपों में शानदार है। महिलाएं सारी, लेहंगा, और पुरुष धोती और कुर्ता पहनते हैं।
**3. गहने:**
- स्थानीय जनजातियों के गहने प्राकृतिक सामग्रियों से बने होते हैं, जैसे कि लकड़ी, सुता, और धातु। लोकप्रिय गहनों में माला, बाजुबंद, और कंठहार शामिल हैं।
* **उगाई जाने वाली फसले:**
- मालवा उज्जैन क्षेत्र में प्रमुख फसलें मक्का, ज्वार, बाजरा, तिलहनी, और उड़द की जाती हैं।
* **प्रमुख उद्यम:**
- इस क्षेत्र में कृषि और उद्योग हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। मिट्टी के उत्पादों, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग, और हस्तशिल्प इस क्षेत्र के प्रमुख उद्यम हैं।
* **मनाए जाने वाले त्योहार:**
- यहां के लोग अपने परंपरागत सांस्कृतिक त्योहारों को बड़े धूमधाम से मनाते हैं, जैसे कि होली, दीपावली, और नवरात्रि।
* **खेती के तरीके:**
- मालवा उज्जैन क्षेत्र में खेती विभिन्न तरीकों से की जाती है, जैसे कि पंखेड़ी, दोहार, और बाड़ा खेती।
* **उपयोग में लाए जाने वाले औजार:**
- स्थानीय जनजातियों के लोग आदिवासी औजारों का इस्तेमाल कर
ते हैं, जैसे कि बारा, सौंप, और छेना।
* **सामाजिक रीति, रिवाज:**
- स्थानीय जनजातियों की सामाजिक रीति-रिवाज उनके समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को दर्शाती हैं, जैसे कि लोक नृत्य, संगीत, और विभिन्न पूजा पर्व।
**यह मॉडल एक विस्तृत जानकारी, बिंदुओं, और छवियों का संग्रह है जो मालवा उज्जैन क्षेत्र के स्थानीय ऐतिहासिक भवन और जनजातियों के सांस्कृतिक धरोहर को प्रस्तुत करता है।**
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गणित
प्रोजेक्ट 1
1. प्रश्न :- दो भारतीय गणितज्ञों के नाम, जन्मतिथि का संग्रह करें और उनके द्वारा गणित में योगदान का संक्षिप्त विवरण
उत्तर :-
1. आर्यभट्ट (476 ई.): वह भारतीय गणितज्ञ थे जिन्होंने ज्यामिति, अलगवार्क और भूगोलीय गणित के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
2. श्रीनिवास रामानुजन (1887-1920 ई.): वह भारतीय गणितज्ञ थे जिन्होंने बहुतांत्रिक रेखिकी, उच्चतम अव्यक्तिता और एक्सपोनेन्शियल त्रिगोनोमेट्री के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया।
गणित
प्रोजेक्ट 2
2. प्रश्न :-आलू और भिण्डी को काटकर रंग से ए-4 साइज के पेपर पर छापे लगाए गए। देखा जाना चाहिए कि छापे किसके अधिक हैं और यह जानने का प्रयास करें कि छापे क्यों अधिक हैं। दोनों स्थितियों में पेपर का साइज समान होना चाहिए।
उत्तर :-
रिपोर्ट:
मैंने आलू और भिण्डी को काटकर ए-4 साइज के पेपर पर छापे लगाए। छापे की गिनती की गई और उनके संख्या में अंतर देखा गया। हमारे परिणाम निम्नलिखित हैं:
आलू के छापों की संख्या: X
भिण्डी के छापों की संख्या: Y
छापों की गिनती के आधार पर हम देखते हैं कि एक छाप के अधिक होने की संभावना है। इसका कारण हो सकता है कि आलू की सतह भिण्डी से अधिक अनिर्वाचित ज्यामिति और टकराव धारित करती हो सकती है, जिससे छाप के निर्माण में अधिक विचलन हो सकता है।
इसमें एक और कारण हो सकता है कि आलू की सतह भिण्डी की सतह की तुलना में कम शक्तिशाली हो सकती है, जिससे छाप के निर्माण में अधिक निश्चितता और प्रेसर हो सकती है।
इस अध्ययन के आधार पर, हमारा नतीजा यह है कि आलू की सतह भिण्डी की सतह की तुलना में अधिक अनिर्वाचितता और निश्चितता का कारण हो सकती है, जो उचित छाप के निर्माण में अंतर पैदा करती है।
हिंदी
प्रोजेक्ट 1
1. प्रश्न :- मुफ्तानन्द जी के समान आपके आस-पास क्या ऐसा कोई मनोरंजक पात्र हैं ? यदि हाँ तो उन पर एक आलेख आप भी तैयार कीजिए।
उत्तर :- पहला प्रोजेक्ट -1 आप स्वयं करें
2. प्रश्न :- -ऑप यदि पिछले दिनों कहीं भ्रमण पर गए हैं तो उसका विवरण डायरी के रूप में लिखिए।
उत्तर :-
डायरी: भ्रमण का विवरण
दिनांक: [यहां तारीख लिखें]
आज मैंने एक यात्रा के रूप में सांची के स्तूप का दर्शन किया। यह यात्रा ऐतिहासिक महत्व और विरासत के साथ भरी गई थी। सांची का स्तूप एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और यह बौद्ध धर्म के अनुयायों के बीच बहुत प्रसिद्ध है।
मैंने सांची पहुंचते ही वहां की शांतिपूर्ण और पवित्र वातावरण में खुद को खो दिया। सांची के स्तूप के आसपास घूमते हुए मैंने इसकी महत्त्वपूर्ण विशेषताओं का अध्ययन किया और इसके ऐतिहासिक महत्व के बारे में जानकारी प्राप्त की।
सांची के स्तूप का आकार और सुंदर वास्तुशास्त्रीय डिजाइन ने मुझे वास्तव में प्रभावित किया। मैंने इसके चारों ओर घूमते हुए उसकी धार्मिक महत्त्वपूर्ण विशेषताओं, संग्रहालय की सुंदर संग्रहीत वस्तुओं, और बौद्ध धर्म के प्रतीकत्वों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त की।
इस यात्रा के दौरान मैंने भारतीय ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत के प्रति और भी अधिक सम्मोहित हो गया है। सांची का स्तूप देखना मेरे जीवन का एक यादगार अनुभव है और मुझे गर्व है कि मैंने इस ऐतिहासिक स्थल का दर्शन किया।
कक्षा आठवीं प्रोजेक्ट कार्य हिंदी
प्रोजेक्ट कार्य विषय हिंदी
प्रोजेक्ट कार्य कक्षा आठवीं संस्कृत
प्रोजेक्ट कार्य कक्षा 8 विषय गणित
प्रोजेक्ट कार्य कक्षा आठवीं सामाजिक विज्ञान
प्रोजेक्ट कार्य हिंदी कक्षा आठवीं 2023
प्रोजेक्ट कार्य कक्षा छठवीं हिंदी
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